तेरी यादों को अपनी दिल की तिज़ोर में रखा है मेने, बस शायरी ही समझा मेरे जज्बातों को न जाने किस-किस तरीके से तुम्हें मनाया है मेने, तुम्हारा दिया हुआ गुलाब सम्भाल कर रखा आज तक, तूने तो गवा दिया मुझे पर तूँ क्या जाने इस गुलाब से क्या-क्या पाया है मेने। तेरी यादों को अपनी दिल की तिज़ोर में रखा है मेने, बस शायरी ही समझा मेरे जज्बातों को न जाने किस-किस तरीके से तुम्हें मनाया है मेने, तुम्हारा दिया हुआ गुलाब सम्भाल कर रखा आज तक, तूने तो गवा दिया मुझे पर तूँ क्या जाने इस गुलाब से क्या-क्या पाया है मेने।