एक प्रखर बुद्धि, अद्भुत तेजवान, जिनके कदमों पर चल पड़ा जहान, नारा था जिनका, जय जवान,जय किसान, ऐसे शास्त्री जी को , कोटिश: प्रणाम. कोशिश: प्रणाम... ©Happy Jaunpuri # शास्त्री जी