बचपन की शैतानियाँ बचपन की शैतानियां जवानी में भी याद है, बुढ़ापे का पता नहीं यह जो एहसास है। आगे-आगे देखना और कितना रुलाती है, यह जो बचपन की शैतानियां है ना बहुत याद आती है। पता नहीं बचपन एक सुंदर कल्पना थी या जवानी की और बढ़ते कदम, मेरे लिए तो बचपन और शैतानी थे जैसे हमदम। (और अंत में यही कहना चाहूंगा, की जिस प्रकार किसी ने खूब कहा है....) वह जवानी क्या जिसमें कोई कहानी ना हो, तो साहेब वह बचपन भी क्या जिसमे शैतानी ना हो। हाय! हाय! बचपन की शैतानियां! मेरे भी बहुत से बदमाशियां! बचपन की शैतानियां! #बचपन की #शैतानियां जवानी में भी याद है, #बुढ़ापे का पता नहीं यह जो #एहसास है। आगे-आगे देखना और कितना #रुलाती है, यह जो बचपन की शैतानियां है ना बहुत याद आती है। पता नहीं बचपन एक #सुंदर #कल्पना थी या #जवानी की और बढ़ते कदम, मेरे लिए तो बचपन और शैतानी थे जैसे #हमदम। (और अंत में यही कहना चाहूंगा, की जिस प्रकार किसी ने खूब कहा है....) वह जवानी क्या जिसमें कोई कहानी ना हो,