जब कुछ होश सम्भाला हमने फिर जीवन में वो जादूगर आए भाई बहन या मित्र सखा हों सब ही तो इस मन को भाए । मैं हंसता तो ये हंसते हैं मैं रोता तो ये भी रोते हैं मैं जब भी हारा या थका कभी ये हरदम आजू बाजू होते हैं । इनकी जादू की झप्पी जैसे बस मिले तो सब दुख गायब हैं मैं रहूं कहीं भी पास दूर इनके जलवे तो बस नायब हैं । सब मन के या बेमन के मैने राज इनसे ही खोले है जब चाहें ये बन जायें जमूरा ये जादूगर बड़े ही भोले हैं ।। जारी है...... ©Dinesh Paliwal #Mitra #Bandhu