ज़िंदगी के उतार चढ़ाव और ज़िंदगी के दिए घाओं, को अपने सलिखे से सोचिए भी समझिए भी। हर घाओं और हर चढ़ाओ कुछ ना कुछ सिखलाता हैं, बढ़ाओ से निकलने का रास्ता हमें बतलाता है। सुप्रभात। कुछ करने से पहले सोचिए भी, समझिए भी। #सोचिएसमझिए #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi