ख्वाबों में सिमट सी गई है जिंदगी। हर किसी के ख्वाब में रुक कर ढूंढ़ती हैं निगाहें उन्हे। किन्हीं के ख्वाब में वो मिल जाए मुस्कुराते हुए। शायद तब जिंदगी ये मान ले, कि वो अब किन्हीं और के ख्वाबों में रहते हैं। ©Rakesh Sinha शबाना #missingyou