मोहन से मसीहा की कहानी गांधी जी की जीवन कथा को व्यक्त करते हैं हम 2 अक्टूबर को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी की 150वीं जयंती मनाने जा रहे हैं इस के उपलक्ष में मोहन से मसीहा का नाटक पेश कर रहे हैं उदयपुर जिलों की नगरी भक्ति त्याग बलिदान गौरव व संस्कार और एशिया की सबसे सुंदर सिटी में आपका स्वागत है वैसे महात्मा गांधी को मानव मसीहा काहे तो भी कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी महात्मा गांधीजी ने जीवन भर सन्यासी सर्च जीवन धारण कर मानवता की बात करते रहे उनका सबसे प्यारा भजन वैष्णव जन जोत तेने कहिए जो पीर पराई जाने रे हैं और उनका दूसरा भजन ईश्वर अल्लाह तेरो नाम सबको सन्मति दे भगवान गांधी जी का जीवन वास्तव में ईश्वरी जीवन है और उनके हर एक कार्य को जीवनशैली कह सकते हैं उन्होंने साबरमती के आश्रम पर स्थापना कर नमक तोड़ो आंदोलन से अंग्रेज सरकार की कमरतोड़ इसी प्रकार गांधी जी ने देश के लिए महती कदम उठाएं अंग्रेजों को राष्ट्र से बाहर करने के लिए भारत छोड़ो आंदोलन का आगाज किया हमें गर्व है महात्मा गांधी जैसे दिग्गज पुरुष हमारे राष्ट्रपिता है जिनका लोहा संपूर्ण विश्व मानता है अमेरिका के संसद में गांधी जी की मूर्ति लगना मैडम तुषार जिम में गांधी जी की मूर्ति स्थापना कई देशों में गांधी जी गांधी जी की प्रतिमाएं लगाना उनकी महानता को ही व्यक्त करता है जय भारत जय हिंद मोहन से मसीहा जय गांधी