वो दूर तक चला गया, बहुत दूर तक चला गया रोशन हुआ बे-नूर तो, हद्द-ए-नूर तक चला गया ⭐💥⭐💥⭐💥⭐💥⭐💥⭐💥⭐💥⭐💥 छिप गया माहे क़मर भी, बादलों की ओट में उफ़ुक़ पे आ चमका जुगनूँ, पुर-नूर तक चला गया ⭐💥⭐💥⭐💥⭐💥⭐💥⭐💥⭐💥⭐💥 दोनों जहां का ठहरा नशा, उसकी आश्ना आँखों में झाँका तो यारों सच नशा, सुरूर तक चला गया ⭐💥⭐💥⭐💥⭐💥⭐💥⭐💥⭐💥⭐💥 उतारे नहीं उतरे ख़ुमार, देख अब्सार-ए-रिंद जवां दिल नर्गिस-ए-मस्ताँ से नर्गिस-ए-मख़मूर तक चला गया ⭐💥⭐💥⭐💥⭐💥⭐💥⭐💥⭐💥⭐💥 वो ख़ुद को पहले रोके था, घर की चाहरदीवारी में उल्फ़त ने पुकारा दिल्ली तो, संगरूर तक चला गया ⭐💥⭐💥⭐💥⭐💥⭐💥⭐💥⭐💥⭐💥 दिल देख रोया "माशारत्ती", तब ख़ाकसार यतीम को जब सर पे आया हाथ माँ का, ग़ुरूर तक चला गया "विजय त्यागी" वो दूर तक चला गया, बहुत दूर तक चला गया रोशन हुआ बे-नूर तो, हद्द-ए-नूर तक चला गया ⭐💥⭐💥⭐💥⭐💥⭐💥⭐💥⭐💥⭐💥 छिप गया माहे क़मर भी, बादलों की ओट में उफ़ुक़ पे आ चमका जुगनूँ, पुर-नूर तक चला गया ⭐💥⭐💥⭐💥⭐💥⭐💥⭐💥⭐💥⭐💥 दोनों जहां का ठहरा नशा, उसकी आश्ना आँखों में झाँका तो यारों सच नशा, सुरूर तक चला गया