इस दुनिया का बहुत मुश्किल कार्य अगर कोई है तो वह है स्वयं की कमजोरियों को पहचान लेना। आत्म निरीक्षण बड़ा कठिन है। स्वयं के दोषों को दूर करने का काम कोई साहसी ही कर सकता है। सत्संग का यही फल है। अत: ‘करहिं सदा सतसंग’ - सप्रेम हरिस्मरण #बापुजी #बापुजी