मजबूरी को हम अपने आंखों में बसा लेते हैं ; हम कहां रोते है हालात रूला देते हैं ; हम तो हर पल करते है याद आपको, पर आप याद ना करने का इल्ज़ाम हम पर लगा देते हैं। ©Nayana Jha #Majboori