हक की गुहार नही, चाहत की मध्यम सी पुकार थी मेरी। "बेइन्तेहा मोहब्बत है तुमसे", बस इतनी सी बात पोंहचानी थी तुम तक, पर दिल से निकली वो आवाज़ को अनसुना करना शायद आसान था, दुनियादारी की शोर वाली नशा धीमी सी पुकार में कहां था। 340/366 #cinemagraph #paidstory #kajori_thephoenix #पुकार #मोहब्बत