और ज़ब हम सब लोगों के बीच रहकर भी कही खोये होते हैं ज़ब ख़ुद के घर में होकर भी हम अपनों को अपना हाल-ए-दिल बयां न कर पाये,ज़ब भीड़ तो हैं रिश्तो कि मग़र फ़िर भी किसी को अपना दर्द समझा न पाये तो समझ जाना तुम अकेले हो और यकीन करना कि तुम्हारा तुमसे बेहतर कोई सहारा नहीं। ©nikita kothari #believeinyourself