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एक मुक्तक ###### ईश्वर रूप हैं , मां .. बाप ये जा

एक मुक्तक
######
ईश्वर रूप हैं ,
मां  .. बाप ये जान! 
👳🔮गुरुजनों का कर
दिल  से सम्मान l
निश्चल हृदय से,
कर के सेवा .....
अपने कुल का,
बढ़ाना मान l
कवि हरिश्चन्द्र राय "हरि"
मुम्बई (महाराष्ट्र)
मोबाइल नं. 7905967292

©कवि और अभिनेता हरिश्चन्द्र राय "हरि"
  परम् सनेही स्वजन मित्रों! प्यार ही प्यार l

परम् सनेही स्वजन मित्रों! प्यार ही प्यार l

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