मैने अपने जस्बातो की स्याही कोरे कागज़ के पन्नों पर उडेल दी जैसे दिल की हर भड़ास किसी के सीने मे खंजर की तरह उतार दी लेखक बना दिया इस समाज ने कि सारी कुरीतियों को ठीक करने की जिम्मेदारी अपने कंधो मे लाध ली मै तो बदल गई समाज नहीं बदला वही रोज की खबर पढ़ कर मेरे मन ने तौबा मान ली कि लिख तो रहीं हूँ कागज़ कलम घिस रहीं हूँ पर क्या सच मे मेरे लिखने से कुछ परिवर्तन होगा, समाज बदलेगा लोगो की सोच बदलेगी, मैने तो अपनी पूरी कोशिश कर ली पर कुछ लोग ऐसे होते है जो नाली के कीड़े बन कर ही पूरा जीवन निकाल लेते है ना कभी खुद सुधरते है ना समाज को सुधारने देते है भले कितने कागज़ कलम घिस जाऐ मै लिखती रहूँगी अन्तिम सांस तक ये घोषणा मैने कर दी, मेरे दिल ने इस बात की हामी भर दी हाँ मैने अपने आप से, सब लोगो से, इस देश से, सभी जीव जन्तुओ से, मुहोब्बत कर ली i love you all, i love india मेरा देश महान 🙏 ©POOJA UDESHI #kalam #Kalamse #Kaagaj #reading