बिटिया अभी की तो बात है, गोदी में खेलती थी मेरे तू कब दुल्हन बन गई बिटिया तू कब इतनी बड़ी हो गई। अभी तो चलना सिखाया था तुझको तू कब किसी और के साथ चली गई बिटिया तू कब इतनी बड़ी हो गई। अभी तो पापा पापा कह के घूमती थी घर में तू कब किसी और के घर की रौनक बन गई बिटिया तू कब इतनी बड़ी हो गई। अभी तो खिलाता था खाना तुझे अपने हाथों से तेरे रूठने पे मनाता था तुझे तेरी हर जिद्द पे सिर झुकाता था मैं तू कब सबको समझना सीख गई बिटिया तू कब इतनी बड़ी हो गई। अभी तो तुझे हर बुरी नज़र से बचाता था मैं सिर सहेला के सुलाता था मैं तू कब सबका ख्याल रखना सीख गई बिटिया तू कब इतनी बड़ी हो गई। # father's luv for his daughter#