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White मन के भीतर लिखें ख़त, रद्दी ज़िन्दगी का एहसास

White मन के भीतर लिखें ख़त,
रद्दी ज़िन्दगी का एहसास करा रहे हैं..!

वो दूरियों के दरख़्त लगा लगा कर,
हमें कुछ यूँ डरा रहे हैं..!

अल्फ़ाज़ों की आवाज़ मंद पड़ी,
बड़ी चतुरता से हमें ही हरा रहे हैं..!

चित्त की चिता मन की व्यथा,
आतुरता से मुस्कुरा रहे हैं..!

स्याही की गवाही कोई न माने,
कागज़ों से नज़रें चुरा रहे हैं..!

असहाय से हम बेड़ियों में जकड़े,
दिल के देख होते टुकड़े..!

डूब कर इश्क़ में मर जाने के बाद से,
लाश की तरह उतरा रहे हैं..!

©SHIVA KANT(Shayar)
  #Sad_Status #lash