#pyar#mukti रुक्मणि जब खेली श्रद्धा के अबीर से तो वो कान्हा के माथे का तिलक बना राधा रंगी मोहोब्बत के रंगों में तो वो कृष्ण के दिल की तकदीर बना मीरा नहाई भक्ति के केसर से तो वो गिरधर के चरणों की ताबीर बना जिन चरणों की छाप पीछे चल पड़े हैं कदम