“ग़ज़ाली ना उठ ना बिख्र किसी के इश्क़ में तू बस सजके सवर जा नबी के इश्क़ में तू, सुन्नत पर चल और सुन्नत पर हो खात्मा तेरा ऐसी एक ख़ुशबू बनकर महक जा कायनात में तू”! #अल ग़ज़ाली #Gül@@m é Àlì F@kéér Mú@vìy@ z@f@r g@z@lì