अंतर्द्वंद होता है शुरू एक प्रश्न से और जा ठहरता है प्रश्नचिन्हों पर, शायद,लेकिन,किन्तु,परंतु से उठता प्रश्न जा अटकता है क्यूँ ,कैसे ,कब, पर और भटक कर "हम" फँस जाते हैं शब्दों के अर्थहीन जाल में जिसे हम खुद बुनते हैं खुद को फांसने के लिए.... #अंतर्द्वंद #YQdidi