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आप क्या सचमुच राजनीति की पोस्टर गर्ल बनना चाहते है

आप क्या सचमुच राजनीति की पोस्टर गर्ल बनना चाहते हैं अपनी पहचान आरक्षण की दुर्गेश सीढ़ी पर चढ़कर ही बनना चाहती है अब्बा बेचारी की टुकड़ी आपके माथे पर लगाकर टिका दिया जाए आप ऐसे ही चुनाव लड़ना चाहती है यह सेलिब्रिटी की पहचान से आक्रमण के जाल में वोट कर लेनी चाहती है एक और आखरी सवाल है कि वाकई आपको अच्छा फील हो रहा है तो जब एक पार्टी 40% टिकट टिकट आरक्षण में आधी आबादी को तो बोल रही है तो यह जरूरी सवाल उन लोगों से है जो इस मॉल का गाने वाला यह समाज से उनकी करनी कटी हुई है आज आधी आबादी स्वभाविक मान के साथ स्वालंबन भूत खड़ा होना सीख चुकी है उसे ऐसे व्यक्तियों की आड़ में कोमल समझने का समय नहीं रहा नेताजी सुभाष चंद्र बोस काय करते हैं कि धर्म का लाभ उठाकर वोट मांगना धर्म का अपमान है आज की राजनीतिक में इस कथन को देख तो कुछ ऐसा दिखता है कि आधी आबादी की निर्बलता का लाभ उठाकर वोट मांगना नारी का अपमान है दरअसल हाल ही में मतदाता दिवस था और इस अवसर पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की एक पंक्ति मीडिया पर सरपट लाइन हुई जा रही थी नेताजी यदि आज जीवित होते तो यह सोचते की आधी आबादी की राजनीतिक दलों ने कैसे सेलिब्रिटी की पुतली बनाकर चुनावी अखाड़े में उतार दिया तो उन्होंने इस कठिन दौर में रानी झांसी रेजिमेंट खाड़ी का स्त्री के स्वभाव और को जागृत किया था

©Ek villain #बजरंगी के दबंगों से उभरने की दर करात

#Travel
आप क्या सचमुच राजनीति की पोस्टर गर्ल बनना चाहते हैं अपनी पहचान आरक्षण की दुर्गेश सीढ़ी पर चढ़कर ही बनना चाहती है अब्बा बेचारी की टुकड़ी आपके माथे पर लगाकर टिका दिया जाए आप ऐसे ही चुनाव लड़ना चाहती है यह सेलिब्रिटी की पहचान से आक्रमण के जाल में वोट कर लेनी चाहती है एक और आखरी सवाल है कि वाकई आपको अच्छा फील हो रहा है तो जब एक पार्टी 40% टिकट टिकट आरक्षण में आधी आबादी को तो बोल रही है तो यह जरूरी सवाल उन लोगों से है जो इस मॉल का गाने वाला यह समाज से उनकी करनी कटी हुई है आज आधी आबादी स्वभाविक मान के साथ स्वालंबन भूत खड़ा होना सीख चुकी है उसे ऐसे व्यक्तियों की आड़ में कोमल समझने का समय नहीं रहा नेताजी सुभाष चंद्र बोस काय करते हैं कि धर्म का लाभ उठाकर वोट मांगना धर्म का अपमान है आज की राजनीतिक में इस कथन को देख तो कुछ ऐसा दिखता है कि आधी आबादी की निर्बलता का लाभ उठाकर वोट मांगना नारी का अपमान है दरअसल हाल ही में मतदाता दिवस था और इस अवसर पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की एक पंक्ति मीडिया पर सरपट लाइन हुई जा रही थी नेताजी यदि आज जीवित होते तो यह सोचते की आधी आबादी की राजनीतिक दलों ने कैसे सेलिब्रिटी की पुतली बनाकर चुनावी अखाड़े में उतार दिया तो उन्होंने इस कठिन दौर में रानी झांसी रेजिमेंट खाड़ी का स्त्री के स्वभाव और को जागृत किया था

©Ek villain #बजरंगी के दबंगों से उभरने की दर करात

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Ek villain

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