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तो जिंदगी सामने खड़ी थी।बोलने लगी कि तूं मुझे भूल

तो जिंदगी सामने खड़ी थी।बोलने लगी कि तूं मुझे भूल चुकी है,तुझे अपनी याद दिलाने आई हूं।यूं उदास न रहा कर,जी मुझे खुलकर और खुश रहकर।

©शब्दकार निम्मी
  #Darwaja