कुछ ख़याल थे कुछ अन्दाज़ ए बयां हुआ एजाज़-ए-सुख़न फिर सुख़नवर यूं रवां हुआ #एजाज़ ए सुख़न - revelation of poetry #सुख़नवर - poet ख़यालों में ही गुज़रे हैं दिन रात अक्सर यूँ ही नहीं है गुलज़ार ये गुलिस्ताँ हुआ ख़याल वो आया था शब-ए-वस्ल ए सनम कागज़ कलम नहीं थे गुम जाने कहां हुआ #शब-ए-वस्ल - night of union with rival लिखा कुछ लिखकर मिटाया फिर बार बार कलम का सिपाही अंदर कुछ यूं जवां हुआ Gone through many posts related plagiarism and copied content its really disheartening how someone can do it..a writer works really hard to create a creation...tried to express heart of every writer😊🙏 शुरुआत शायद कुछ यूं ही होती है😊💐 सुखन - शायरी,शब्द,बात , रवां - अभ्यस्त,प्रचलित सुख़नवर - लेखक,कवि #yqdidi #yqbhaijan #writing #yopowrimo