हम दो कदम चले थे राह बनाने को वो दो कदम पीछे हो लिए नज़राना दिखाने को ।।।। की बाज़ार में बिक रहे थे कई बेशकीमती लिबाज़ वो दो कदम पीछे हो लिए अपनी सादगी से रुकसत कराने को ।।।। #राह #नज़राना #बाज़ार #बेशकीमती #रुकसत #दो #कदम #yqdidi