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सहर हुई है नए रंग में हवा बह रही है तेरे ढंग में

सहर हुई है नए रंग में 
हवा बह रही है तेरे ढंग में

मन विचरण करे है खुले गगन में
तुम दिल के दरवाज़े खोलो ना
आ जाओ मेरे रहने मेरे आंगन में

मीठी बातें मन को लागे
तुम नगमा गाओ अपने ढंग में
मैं नज़्म लिखुं मेरे ढंग में

©Manish Sarita(माँ )Kumar
  morning.....




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#सुबह 
#सहर_सलोनी