दिल में हमारे प्यार की चिंगारी जलाकर, क्यों मुख मोड़ लिया वजह बिना बताए हमें, क्यों हमसे यूं अपना मुख मोड़ लिया दिल रो रहा है और आंखें तरस रही हैं, तेरे प्यार की खातिर। जुबा खामोश हो गयी, तनहाई डसने लगी, तुझे अपना मानकर। तुम्हारी वफा पर यकीन है हमें, तुम हमसे बेवफाई ना करोगे। मजबूरी ही बता दो हमें तो, हम भी कोई शिकवा ना करेंगे। 📌निचे दिए गए निर्देशों को अवश्य पढ़ें...🙏 💫Collab with रचना का सार..📖 🌄रचना का सार आप सभी कवियों एवं कवयित्रियों को प्रतियोगिता:-90 में स्वागत करता है..🙏🙏 *आप सभी 6 पंक्तियों में अपनी रचना लिखें। नियम एवं शर्तों के अनुसार चयनित किया जाएगा।