करके अमल-ए-यजीद फिर हुसैनी कहलाऊंगा, खुशियाँ यजीद की बशक़्ल ढ़ोल बजालाऊंगा। और न जाऊंगा कभी मस्जिद को न होगा सजदे में सर कभी, करके नमाज़ को कजा फिर हुसैनी कहलाऊंगा। :✍️©दिलकश करके अमल-ए-यजीद फिर हुसैनी कहलाऊंगा #Muharram #Husaini #Karbala