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हिंदी दिवस देखो आज हम कितने बदनसीब दिखते हैं कमा

हिंदी दिवस  देखो आज हम कितने बदनसीब दिखते हैं 
कमाल का दौर है हम हिन्दी भी इंग्लिस में लिखते हैं...

                  जो है मातृभाषा हमारी उसे बोलने से कतराते हैं 
                  खिट-पिट कर बोलते अंग्रेजी खूब इतराते हैं 
                   मुझे हिन्दी समझ नहीं आती गर्व से कहते 
                   जो किसी को इंग्लिश ना आए उसे चिढ़ाते हैं 

पड़ी रह जाती कविता की किताब दुकानो पर 
पोयंम की बुक धराधर बिकतें हैं...
                 देखो आज हम कितने बदनसीब दिखते हैं...
                 कमाल का दौर  है हम हिन्दी भी इंग्लिस में लिखते हैं...

अंग्रेजी से कोई परहेज नहीं 
सच है कि अंग्रेजी वक़्त की ज़रुरत है 
पर एक बार दिल से अपना के तो देखो 
हमारी हिन्दी भी क्याखूब खूबसुरत है 

               है आज ज़रुरत बच्चों से हिन्दी में बात करने की 
               क्योंकि बच्चें जो देखते, सुनते हैं वही तो सिखते हैं...
               देखो आज हम कितने बदनसीब दिखते हैं...
               कमाल का दौर  है हम  हिन्दी भी इंग्लिस में लिखते हैं... हिन्दी दिवस की शुभकामनाएँ
हिंदी दिवस  देखो आज हम कितने बदनसीब दिखते हैं 
कमाल का दौर है हम हिन्दी भी इंग्लिस में लिखते हैं...

                  जो है मातृभाषा हमारी उसे बोलने से कतराते हैं 
                  खिट-पिट कर बोलते अंग्रेजी खूब इतराते हैं 
                   मुझे हिन्दी समझ नहीं आती गर्व से कहते 
                   जो किसी को इंग्लिश ना आए उसे चिढ़ाते हैं 

पड़ी रह जाती कविता की किताब दुकानो पर 
पोयंम की बुक धराधर बिकतें हैं...
                 देखो आज हम कितने बदनसीब दिखते हैं...
                 कमाल का दौर  है हम हिन्दी भी इंग्लिस में लिखते हैं...

अंग्रेजी से कोई परहेज नहीं 
सच है कि अंग्रेजी वक़्त की ज़रुरत है 
पर एक बार दिल से अपना के तो देखो 
हमारी हिन्दी भी क्याखूब खूबसुरत है 

               है आज ज़रुरत बच्चों से हिन्दी में बात करने की 
               क्योंकि बच्चें जो देखते, सुनते हैं वही तो सिखते हैं...
               देखो आज हम कितने बदनसीब दिखते हैं...
               कमाल का दौर  है हम  हिन्दी भी इंग्लिस में लिखते हैं... हिन्दी दिवस की शुभकामनाएँ