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आखिर क्यों तलाशती हूं मैं हर छोटे बड़े पल में व

आखिर क्यों 
तलाशती हूं मैं 
हर छोटे बड़े पल में 
वजूद तुम्हारा ...!
आखिर क्यों 
कोई स्पर्श नहीं 
छू पाता मेरी आत्मा को ...!
आखिर क्यों
करती हूं मैं कल्पनाएं 
अब भी तुम्हारी 
जबकि वास्तविकता मैं 
नहीं रहा कोई  सरोकार हमारा...!

©Manvi
  तुम होकर भी 🤗मुझे कहीं नहीं दिखाई देते हो ना होकर भी तुम मेरे कितने करीब❤️ हो...!
#आत्मीयता
7 May 2023  Sunday Eve.!

तुम होकर भी 🤗मुझे कहीं नहीं दिखाई देते हो ना होकर भी तुम मेरे कितने करीब❤️ हो...! #आत्मीयता 7 May 2023 Sunday Eve.! #Poetry

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