किसकी खोज इन आंखों में रखते हो, सुकून की तलाश करो , क्यूं लोगो को खोजते हो। चुप जबान में शाबाशी देने वाली ये दुनिया बोलने पर बवाल करती ये दुनियां, अपने मन की असीम भावों में रहो, क्यूं तुम बाहर विचरते हो, खुद से ऐसा छल तुम क्यूं करते हो। ©Ritu shrivastava #duniyawale