दोस्त से प्यार जिसके सामने मैं बेपरवाह रो देती थी उस दोस्त से प्यार हो रहा था जो मेरी सारी नादानियों को झेलता मेरे नख़रे भी उठा रहा था वो मेरा सबसे अच्छा दोस्त हैं अब उससे प्यार भी हो रहा था उसकी बातें जैसे मिश्री की डली दिल मेरा और मीठा पाने को मचल रहा था जो कर लूं किसी गैर से बात गुस्से से रूठ जाता करता कभी नहीं मुझसे प्यार का इज़हार फिर भी प्यार की हर रस्म निभा रहा था वो मेरा सच्चा दोस्त हैं अब दोस्त से सच्चा प्यार हो रहा था #Friendship#december#dostsepyar#day11