पुरुष हूं , महाबली होना, जरूरी है क्या ? पुरुष हु , आंखों से आँसू न आये, जरूरी है क्या ? पुरुष हु, मेरा ह्रदय पत्थर के बने है जरूरी है क्या ? पुरुष हु , प्रधान होना जरूरी है क्या ? पुरुष हु , जिम्मेदारी की पहाड़ मेरे कन्धे हो जरूरी है क्या ? पुरुष हु , आय का स्रोत मैं ही बनूं जरूरी है क्या ? पुरुष हु ,कोई खिलौना नही पुरुष के नाम पे ये समाज मुझसे खेले जरूरी है क्या ? ©POOJA #जरूरी_है_क्या #पुरूष #लड़को_की_जिंदगी #पुरुषों😎की फिलिग #छत्तीसगढ़_महासमुन्द #पूजा