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#OpenPoetry दिल की धड़कन, आंखों का सुकूँ , मन की ल

#OpenPoetry दिल की धड़कन,
आंखों का सुकूँ ,
मन की लालसा,
 तुम नहीं,
 वो सुबह वाली चाय है।
       -पंडित रितेश मिश्रा #इलाहाबादी #पंडित
#OpenPoetry दिल की धड़कन,
आंखों का सुकूँ ,
मन की लालसा,
 तुम नहीं,
 वो सुबह वाली चाय है।
       -पंडित रितेश मिश्रा #इलाहाबादी #पंडित