किसी ज़ख़्मीं परिंदे की तरह जाल में हम हैं.. ऐ इश्क़ अभी तक तेरे जंजाल में हम हैं.. हंसते हुए चेहरे ने भरम रखा हमारा.. वो देखने आया था के किस हाल में हम हैं.. ©Arshad Raja Rahat Indori NIKHAT الفاظ جو دل چو جائے Junhaai