खुली ज़िंदगी की, एक किताब लिख रहा हूं। जो बीत जाती है बाते, उसे ताजी करने के लिए कलम से दो बात लिख रहा हूं। :-✍️ प्रहलाद मंडल #कलम_के_अल्फ़ाज #NojotoFilms #findingyourself