आँखे नम थी धड़कन तेज़ और सांसें थम रही थी। नींद भी थी इनमे आँखें फिर भी जग रही थी। एक डर था तुझको खोने का, ओर तुम्हे ये सब बकवास खोखली बातें लग रही थी।। ©Sourabh Rampuriya #खोखलीबातें