आज मन किया कि एक ऐसे इंसान को लिखूँ जिसके बारे में कोई बात नहीं करना चाहता है आज मन किया एक ऐसे इंसान को लिखूँ जिसे देखकर भी कोई देखना नहीं चाहता है दिखता है चौराहों पर कभी ट्रैफिक सिग्नल्स की दौड़ लगता है कभी घर के सामने कभी दफ़्तर के दरवाज़े पर बाबूजी बाबूजी करता नज़र आता है कँहा कँहा वो नहीं वह दरवाजा इंसानियत का खटखटाता है पर दरवाज़ों पर गुरुर के तालों को देखकर लौट जाता है बेरुख़ी समाज की झेलकर भी हक अपना जताता है मांगकर रोज इतनी शिद्दत से धर्म अपना निभाता है बस आपसे और मुझसे वो ज्यादा कुछ नहीं चाहता है रोज़ भीख मांगने इंसानियत की तलाश में एक इंसान निकल जाता है💗 #हक #भीख Ankita Tripathi ji thankew for the nomination 😊💐💐 #yqdidi #humanity आज मन किया कि एक ऐसे इंसान को लिखूँ जिसके बारे में कोई बात नहीं करना चाहता है आज मन किया एक ऐसे इंसान को लिखूँ जिसे देखकर भी कोई देखना नहीं चाहता है दिखता है चौराहों पर कभी ट्रैफिक सिग्नल्स की दौड़ लगता है कभी घर के सामने कभी दफ़्तर के दरवाज़े पर बाबूजी बाबूजी करता नज़र आता है