रुको, अपनी इन ज़ुल्फो को ना खोलो वरना शाम हो जाएगी ‘अभी’, तुम्हारे माथे पे उमड़े तेज के धूप की तपिश में तपना बाकी है ‘अभी’। ~हेमंत राय। #nojoto #Aawaaz #कविता #जुल्फ़े #Hope #shayari