"गुरु का महत्व" आचार्य जी तो कभी गुरु जी कह बुलाया हैं, तुमने ज्ञान से कितनो के जीवन के अंधकार को मिटाया हैं, कभी कठोर तो कभी सरल भाव से हमे पढ़ाया हैं, तुमने ही तो जीवन के महत्व और इसका सार्थक अर्थ बतलाया हैं, इस संघर्ष भरी सृष्टि में भी मानवता का दीप जलाया हैं, जो हार गए थे कभी उनमे भी साहस जगाया हैं, न जाने कितनों को तुमनें एक प्रगतिशील मार्ग बतलाया हैं, ख़ुद के संघर्षों का खाखा भी कह सुनाया हैं, तुमने ही तो उन्नति के मशाल दे हमे चलाया हैं, था तो मैं भी मूढ़ मति पर तुमने शिक्षा का शर पकड़ाया हैं, और जीवन के जटिल चक्रव्यूह भेदन का रहस्य बतलाया हैं। विवेक सिंह राजावत। Teachers day