तुम बहुत देर बाद लौटे हो, दर्द काफ़ूर हो गये अब तो! अब ज़रूरत नही है मरहम की, ज़ख्म नासूर हो गये अब तो! ™¶§šB¶शु§भ¶ #तुम #बहुत #देर #बाद #लौटे #हो, दर्द काफ़ूर हो गये अब तो! अब ज़रूरत नही है मरहम की, ज़ख्म नासूर हो गये अब तो! ™¶§šB¶शु§भ¶