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कुछ कहते क्यों नहीं पास बैठे हो मुस्कुराते क्यों न

कुछ कहते क्यों नहीं
पास बैठे हो मुस्कुराते क्यों नहीं
रूसवाईयों में ज़िन्दगी गुजर गई
जो वख़्त बचा है
उसमें प्यार के गीत 
गुनगुनाते क्यों नहीं

©Rajni Bala Singh (muskuharat) #प्यार के गीत
कुछ कहते क्यों नहीं
पास बैठे हो मुस्कुराते क्यों नहीं
रूसवाईयों में ज़िन्दगी गुजर गई
जो वख़्त बचा है
उसमें प्यार के गीत 
गुनगुनाते क्यों नहीं

©Rajni Bala Singh (muskuharat) #प्यार के गीत