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वो शाम भी क्या बेहतरीन थी, तेरे भीगे कवा मानो अब्र

वो शाम भी क्या बेहतरीन थी,
तेरे भीगे कवा मानो अब्र - ए - जमीं थी।
मेरे तिश्ना लबों पे तेरे वो बोसे,
विसाल-ए-यार भी कितनी हसीन थी। #NojotoQuote कवा- शरीर का अंग
अब्र- बादल
तिश्ना लब- प्यासे होंठ
बोसा- चुम्मा
विसाल-ए-यार- यार से मिलन
वो शाम भी क्या बेहतरीन थी,
तेरे भीगे कवा मानो अब्र - ए - जमीं थी।
मेरे तिश्ना लबों पे तेरे वो बोसे,
विसाल-ए-यार भी कितनी हसीन थी। #NojotoQuote कवा- शरीर का अंग
अब्र- बादल
तिश्ना लब- प्यासे होंठ
बोसा- चुम्मा
विसाल-ए-यार- यार से मिलन
aarifsaeed6248

Aarif Saeed

New Creator