राहगीर - प्यासे होठों पे एक नाम उभरा तंग से हालत में भी मुख से न उजास मिटा ऐ मेरे मित्र क्या तुमने इतनी कम उम्र में ज्ञान प्राप्त कर लिया या तुम अपना सर्वस्व अर्पण कर प्रेम के सारनाथ हो चलें ? मैं --- प्रेम ही ब्रह्म ज्ञान का स्रोत है परंतू मैं अब तक अछुता हूँ मित्र और हाँ बिलकुल सही केह रहे पीड़ा ,यातना से परे अलौकिकता की खोज में हूँ खुद को ढूंढने निकला जरूर मगर प्रेम में अर्पित आवारा सा नैन स्पर्श की ताक में हूँ #संवाद #मेरे_जज्बात008 #प्रेम् #अनुरागी_मन #yqdidi #yqbaba #kunu