एक मेकेनिकल को देखकर एहसास हुआ जो छोटे-छोटे पार्ट को जोड़कर बड़ी-बड़ी गाड़िया बनाते है और उस गाड़ी से दूसरों की जिंदगी चलती हैं। पर वही मेकेनिकल ख़ुद की जिंदगी की गाड़ी के अनेक टुकड़े कर लेता ह ऐसा क्यूँ