कठिन डगर हो, परिस्थितियां हों विपरीत, सूझता ना हो कुछ, निबाहें कैसे जीने की रीत? थाम के हाथ अपना, आगे ही बड़ते जाना, ईश्वर भी भेजता है किसी न किसी को बना के कोई बहाना #yqsuprabhat #yqईश्वर #yqविश्वास #yqकुलभूषणदीप