कुछ बातों को कैसे रोक दूँ कैसे उन्हें टोक दूँ संग संग चलती है सांसो के डोर सी धड़कनो को कैसे बोल दूँ अब रेल सी बनो ना तुम आहटें वो खो गयी जिनकी दरकरार तू मन के भंवर को कैसे मै रोक दूँ अब दरिया सी बनो ना तुम मुसाफिर वो गुम गया जिसकी कश्तियाँ तू इन बंद पलकों को कैसे मै खोल दूँ,अब ख्वाबों का शामियाना सी बनो ना तुम ख्वाइशें वो रंज हुई जिनकी मोहब्बत तू कुछ बातों को कैसे रोक दूँ कैसे उन्हें टोक दूँ #hindi #nojoto #nojotohindi #poetry #TST #kavishala #quotes