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रेल में खिड़की के पास बैठ के हर दफा मेहसूस हुआ जो

रेल में खिड़की के पास बैठ के हर दफा मेहसूस हुआ 
जो जितना ज़्यादा करीब था 
वो उतना ही तेज़ी से दूर हुआ । Bye bye
रेल में खिड़की के पास बैठ के हर दफा मेहसूस हुआ 
जो जितना ज़्यादा करीब था 
वो उतना ही तेज़ी से दूर हुआ । Bye bye