नमस्कार मेरे प्रिय पाठकों🙏🙏 भारत में काफी सारे लोग हैं जो हिंदू धर्म के वर्ण व्यवस्था पर लांछन लगाते हैं दुख की बात यह है इसमें अधिकतर हिंदू भी शामिल है। इस रचना में मैंने वर्ण व्यवस्था का संक्षिप्त और सकारात्मक उल्लेख किया है आशा है कुछ नासमझ व्यक्ति समझेंगे। वर्ण व्यवस्था नहीं, ये ब्रह्म अवस्था है। ब्राह्मण,क्षत्रिय,वैश्य,शूद्र में बांटा कर्म, यह उस ईश्वर की श्रेष्ठता है।