वो जख्म भरे ना मेरे ना मैंने मरहम लगाई तोहफे में मुझे मिले थे गुजरा जब तेरे शहर से और तुमसे मैं टकराया बस आंख मिली थी तुमसे मुझे इश्क वहीं ले डूबा तेरी आंख की झील का वो मझधार नहीं तो क्या था तेरी मजबूरी का फंदा मैंने हंसकर गले लगाया दिल टूट गया था मेरा आवाज़ ना जग को आई वो प्यार नहीं तो क्या था वो प्यार नहीं तो क्या था Dr. Rahul Sharma प्रेम विडंबनाओं से भरा हुआ है। अपनी कहानी साझा करें। #प्यारनहींथा #collab #yqdidi ... * अपनी रचना को सफ़ाई से लिखें। टेक्स्ट को शीर्षक के नीचे से शुरू करें। #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #yqbaba #yqbhaijan #kavita #nazm