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अनगिन ललित बोलियों की है महायान जो भाषा, उस हिंदी

अनगिन ललित बोलियों की है महायान जो भाषा,
उस हिंदी को नमन हमारा, वन्दन है उस हिंदी का।
सौ-गन्धों के पुष्पों वाला उपवन है जिस हिंदी का,
उस हिंदी को नमन हमारा, वन्दन है उस हिंदी का।
साँस-साँस में झंकृत है मधु गुंजन ही जिस हिंदी का,
उस हिंदी को नमन हमारा, वन्दन है उस हिंदी का।
एक राष्ट्रवेदी पर अर्पित तन-मन हो जिस हिंदी का,
उस हिंदी को नमन हमारा, वन्दन है उस हिंदी का। #nojotohindi
अनगिन ललित बोलियों की है महायान जो भाषा,
उस हिंदी को नमन हमारा, वन्दन है उस हिंदी का।
सौ-गन्धों के पुष्पों वाला उपवन है जिस हिंदी का,
उस हिंदी को नमन हमारा, वन्दन है उस हिंदी का।
साँस-साँस में झंकृत है मधु गुंजन ही जिस हिंदी का,
उस हिंदी को नमन हमारा, वन्दन है उस हिंदी का।
एक राष्ट्रवेदी पर अर्पित तन-मन हो जिस हिंदी का,
उस हिंदी को नमन हमारा, वन्दन है उस हिंदी का। #nojotohindi