ऊमर के साथ चाहत भी मरती जा रही है, मगर कुछ होसलो मे जान अभी बाकी है, समय के साथ ऊमीदे भी मरती जा रहि है मगर कुछ सपनो मे जान अभी बाकी है, हार नहि मानना अ दोस्त तब तक, जब तक शरीर मे जान बाकी है, कुछ करने चाहत तो अभी बाकी है। -Rkumar-